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Showing posts from January, 2016

लौट आओ

चुपके से आ जाओ कभी किसी को खबर ना हो हवाओँ को भी पता न लगे ऐसे आना क्यूँ ना तुम बारिशों में बरसती हुई बूँद बन कर आ जाओ या फिर फूलों में महकती हुई खुशबू बन कर चले आओ अच्छा एक काम करो डरते हो जो दुनिया-दारी से तुम बोहोत तुम सर्दियों में मेरे पास ओस बन कर चले आओ #Joy