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Showing posts from 2016
तिरे शहर का दौरा जो मैं करता रहता हूँ ये दौरा तिरे शहर में रह जाने के लिए है

Yaad hai na....

तेरे संग वो मेरे सारे लम्हें गुजरना तेरे बिन मेरे वो आलम ठहरना आधे रातों को वो तेरा फ़ोन घुमाना फिर मुझ को सारी सारी रात जगाना जाना याद है ना, याद है ना, याद है ना बताना जाना याद है ना याद है ना याद है ना.. चुप के से तेरा वो मिलने को आना आना तेरा वो था जो कर के बहाना बहाना कर के फिर से तेरा वो चले जाना जाना याद है ना याद है ना याद है ना इक रोज़ तेरा वो लास्ट मैसैज आना मैसैज में तेरा वो मुझको बताना मुझे याद नहीं दिन कोई भी सुहाना अब भूल चुकी मैं तुमको ओ दिवाना जाना याद है ना,याद है ना,याद है ना

लौट आओ

चुपके से आ जाओ कभी किसी को खबर ना हो हवाओँ को भी पता न लगे ऐसे आना क्यूँ ना तुम बारिशों में बरसती हुई बूँद बन कर आ जाओ या फिर फूलों में महकती हुई खुशबू बन कर चले आओ अच्छा एक काम करो डरते हो जो दुनिया-दारी से तुम बोहोत तुम सर्दियों में मेरे पास ओस बन कर चले आओ #Joy